A Review Of bhairav kavach

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आपदुद्धारणो देवो भैरवः परिकीर्तितः ।



इत्थं देव्या वचः श्रुत्वा प्रहस्यातिशयं प्रभुः ।

तस्य नाम तु देवेशि देवा गायन्ति भावुकाः ।

ॐ श्मशानस्थो महारुद्रो महाकालो दिगम्बरः ।

गणराट् पातु जिह्वायामष्टाभिः शक्तिभिः सह ॥ १४॥



भुर्जे रंभात्वचि वापि लिखित्वा विधिवत्प्भो। ।

सततं पठ्यते यत्र तत्र भैरव संस्थितिः।।

पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु



कवचस्मरणाद्देवि सर्वत्र विजयी भवेत् ।

सम्प्राप्नोति फलं website सर्वं नात्र कार्या विचारणा।

आप नोकरी करते हो, व्यापार करते हो या किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, आईएस, आईपीएस, सिविल सर्विसेज आदि जैसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, तो आपको अवश्य ही अपराजिता स्तोत्र और बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ करके जाना चाहियें, इसके पाठ से समस्त भय दूर होता है, और आपको निश्चित ही पूर्ण सफलता मिलती है।

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